खुशखबरी! फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ी: जानिए पूरी जानकारी

देशभर के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। किसान भाई-बहन अब 31 जुलाई 2024 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है और फसल के नुकसान की स्थिति में आर्थिक सहायता का भरोसा देती है।

जिला कृषि अधिकारी, कुलदीप सिंह राणा के अनुसार, अब तक जनपद में 6,454 किसानों ने इस योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराया है। यदि आप भी अपनी फसल को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है।


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: क्या है यह योजना?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात, आकाशीय बिजली और अन्य प्राकृतिक घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। यह योजना फसल कटाई के बाद भी 14 दिनों तक खेत में सुखाई के दौरान फसल को हुए नुकसान की भरपाई करती है।


बीमा राशि और प्रीमियम दरें:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग बीमा राशि और प्रीमियम निर्धारित किया गया है।

फसल का नामबीमित राशि (प्रति हेक्टेयर)किसान का अंश प्रीमियम (2%)
धान₹86,000₹1,720
उर्द₹59,300₹1,186
बाजरा₹29,700₹594

कैसे करें आवेदन?

फसल बीमा कराने के लिए किसान निम्नलिखित माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं:

  1. नजदीकी बैंक शाखा: अपने क्षेत्रीय बैंक शाखा में जाकर आवेदन करें।
  2. जन सेवा केंद्र (CSC): लोकल जन सेवा केंद्र पर जाकर बीमा फॉर्म भरें।
  3. PMFBY पोर्टल:
    • www.pmfby.gov.in पर लॉगिन करें।
    • फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

दस्तावेज़ की जरूरत:

  • आधार कार्ड
  • भूमि रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी)
  • बैंक खाता विवरण
  • फसल की जानकारी

क्षति की रिपोर्टिंग:

यदि प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल को नुकसान होता है, तो इसकी सूचना 72 घंटे के भीतर देना अनिवार्य है। किसान निम्नलिखित तरीकों से क्षति की रिपोर्ट कर सकते हैं:

  1. टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल करें।
  2. संबंधित अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर जानकारी दें।
  3. बीमा फॉर्म के साथ क्षति प्रमाण (जैसे फोटो या अन्य विवरण) प्रस्तुत करें।

योजना का लाभ:

  1. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा:
    ओलावृष्टि, चक्रवात, बेमौसम बारिश, जलभराव और आकाशीय बिजली से फसल को हुए नुकसान की भरपाई।
  2. फसल कटाई के बाद भी सुरक्षा:
    फसल कटाई के बाद अगले 14 दिनों तक फसल को होने वाले नुकसान का कवरेज।
  3. आर्थिक राहत:
    फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है।
  4. सुविधाजनक आवेदन प्रक्रिया:
    किसान बैंक, जन सेवा केंद्र, या ऑनलाइन माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकते हैं।

जिला कृषि अधिकारी की अपील:

जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने किसानों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का बीमा कराएं। इससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई आसानी से हो सकेगी।


FAQs: फसल बीमा योजना के बारे में किसानों के सवाल

1. कौन-कौन सी फसलें बीमा योजना के तहत आती हैं?

धान, उर्द, बाजरा और अन्य प्रमुख फसलें योजना के तहत आती हैं।

2. फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि क्या है?

फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि अब 31 जुलाई 2024 है।

3. क्षति की सूचना कैसे दें?

प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल करें।

4. क्या यह बीमा फसल कटाई के बाद भी लागू होता है?

हां, फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में सुखाई के दौरान नुकसान की भरपाई भी की जाती है।

5. बीमा कराने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?

आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता विवरण और फसल की जानकारी जैसे दस्तावेज़ जरूरी हैं।

6. योजना के तहत प्रीमियम कितना है?

किसान को बीमा राशि का 2% प्रीमियम भुगतान करना होता है। उदाहरण के लिए, धान के लिए यह ₹1,720 प्रति हेक्टेयर है।


निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाने के लिए एक बेहतरीन पहल है। अब जबकि बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है, किसान भाई-बहन इस मौके का पूरा लाभ उठाएं। अपनी फसलों को सुरक्षित कर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करें।

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